आज के इस पोस्ट में हम आपको पीसीओडी से संबंधित सारी जानकारी देने वाले हैं। यहां हम आपको पीसीओडी फुल फॉर्म इन हिंदी (PCOD Full Form In Hindi) के बारे में तो बताएंगे ही साथ ही आप ये भी जानेंगे कि PCOD क्या होता है? इससे बचाव के उपाय क्या हैं? और यदि आपको यह बीमारी है तो इसका उपचार क्या हो सकता है?

आज के समय में महिलाओं को कई तरह की बीमारियां होती है और क्योंकि उन्हें घर-परिवार की देखभाल के बीच में खुद का ख्याल नहीं रहता है इसलिए यह बीमारियां दिन-ब-दिन और भी ज्यादा गंभीर होती जा रही हैं। यहाँ कहने का मतलब यह है कि पुरुषों से महिलाओं में बीमारियों का खतरा ज्यादा बना रहता है।

आज हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताने वाले हैं जो केवल महिलाओं को होती है और उस बीमारी का नाम है पीसीओडी (PCOD)।

आपने पहले भी पीसीओडी (PCOD) के बारे में जरूर सुना होगा क्योंकि आए दिन हमें इसके बारे में सुनने को मिलता है और वही आप टेलीविजन पर भी इससे संबंधित विज्ञापन देख सकते हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि पीसीओडी (PCOD) आखिर क्या है? 

खासकर महिलाओं को इसके बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए क्योंकि ऐसा हो सकता है कि आगे उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़े, इसलिए आपको पहले से इससे बचने के तरीको को जान लेना चाहिए।

तो चलिए आज का यह पोस्ट बिना देर किए शुरू करते हैं और सबसे पहले पीसीओडी फुल फॉर्म इन हिंदी (PCOD Full Form in Hindi) के बारे में जानते हैं।

PCOD Full Form in Hindi (पीसीओडी का मतलब क्या है?)

PCOD Full Form in Hindi

अगर आप एक महिला हैं और यह पोस्ट पढ़ रही हैं तो आपको इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि पीसीओडी क्या होता है? और यह समझने के लिए सबसे पहले आपको इसके फुल फॉर्म की जानकारी होनी चाहिए क्योंकि पीसीओडी की जानकारी में यह काफी महत्वपूर्ण है।

आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि PCOD का फुल फॉर्म Polycystic Ovary Disorder होता है, पीसीओडी का हिंदी फुल फॉर्म पॉलीसिस्टिक अंडाशय विकार है।

अब आप समझ गए होंगे कि इसका फुल फॉर्म क्या है लेकिन अभी भी इसका मतलब क्लियर नहीं हुआ है। यदि आप जानना चाहते हैं कि पीसीओडी आखिर क्या है तो यह जानने के लिए आपको अगले सेक्शन में दी गई जानकारी को ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा।

तो चलिए इसकी जानकारी में आगे बढ़ते हैं और यह जानने का प्रयत्न करते हैं कि पीसीओडी क्या है और यह महिलाओं को कैसे प्रभावित करता है।

PCOD क्या है?

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि पीसीओडी का फुल फॉर्म पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर होता है। आम बोलचाल की भाषा में यह पीसीओडी के नाम से विख्यात है और बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो इस समस्या का सामना कर रही हैं। यह कभी भी किसी भी महिला को हो सकता है इसलिए आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी अवश्य ले लेनी चाहिए।

जैसा कि हमने यह भी बताया कि आज के समय में महिलाओं के शरीर में बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। पीसीओडी भी एक बीमारी ही है जो आजकल बहुत ही कॉमन हो चुकी है जो महिलाओं को बहुत ही बुरी तरह प्रभावित करती है।

आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि जब कोई महिला पीसीओडी बीमारी से पीड़ित होती है तो उसके शरीर में एंड्रोजन नाम के हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जो कि पुरुषों में पाया जाता है। इस हार्मोन के स्तर के बढ़ने से महिलाओं के अंडाशय पर शिस्ट बनने लगते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाये तो यह एक हार्मोनल विकार होता है।

यदि हम बात करें इसके प्रभाव की तो आमतौर पर यह देखा गया है कि यह बीमारी महिलाओं को उस आयु में प्रभावित करती है जब उनका शरीर प्रजनन के लिए तैयार हो रहा होता है अर्थात जिन महिलाओं में पीरियड अर्थात मासिक धर्म की शुरुआत हो चुकी है उनमें यह बीमारी पाई जाती है।

इससे महिलाएं मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से काफी ज्यादा परेशान होती हैं क्योंकि इस दौर में उनके पीरियड भी अनियमित हो जाते हैं। इससे महिलाएं काफी ज्यादा डिस्टर्ब रहने लगती हैं क्योंकि एक तरह से उनके हार्मोन में बदलाव होने लगता है।

यदि समय पर इसका इलाज नहीं होता है तो आगे चलकर यह और भी गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है जैसे कि महिलाएं बांझ भी बन सकती है या हो सकता है कि उन्हें आगे चलकर मां बनने में परेशानी का सामना करना पड़े। वहीं थकान और तनाव जैसी परेशानी इसमें आम तौर पर देखी जाती हैं।

यह काफी जटिल बीमारी है जिसकी वजह से बाँझपन, गर्भपात, असामान्य रक्तस्त्राव, ब्रेस्ट कैंसर, टाइप टू डायबिटीज, गर्भाशय का कैंसर, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और गर्म कालीन मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती है। 

अब आप समझ गए होंगे कि पीसीओडी आखिर क्या होता है और यह कितनी गंभीर बीमारी बन सकती है। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि पीसीओडी आखिर क्यों होता है? तो चलिए यह जानने के लिए अगले सेक्शन पर नजर डालते है।

पीसीओडी होने के कारण?

ऊपर आपने जाना कि पीसीओडी कितनी गंभीर बीमारी है इसलिए इसके होने का कारण भी आपको पता होना चाहिए। पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जो हमारे दैनिक जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है और यह बीमारी हमारे शरीर में तभी पनपती है जब हम अपनी दिनचर्या का सही ख्याल नहीं रखते हैं।

पीसीओडी होने के कई सारे कारण हैं जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • यदि आप एक महिला हैं और आप बहुत ज्यादा तनाव पूर्ण जीवन व्यतीत कर रही हैं तो यह भी पीसीओडी होने का एक कारण हो सकता है ।
  • कई केस में ऐसा भी देखा गया है कि यह बीमारी अनुवांशिक है।
  • खान-पान में लापरवाही करना इसका मुख्य कारण है।
  • यदि आप शराब व सिगरेट का सेवन कर रहे हैं तो यह भी पीसीओडी का कारण बनता है।
  • बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें नींद ना आने की समस्या है या फिर जो समय पर सोते नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि ये भी पीसीओडी होने का एक मुख्य कारण है।
  •  यदि आपके मासिक धर्म में अनियमितता है अर्थात असामान्य रूप से आपके पीरियड आते जाते हैं तो यह भी पीसीओडी का एक कारण है।
  • शारीरिक गतिविधि ना करना भी इसका कारण है।
  • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना या अचानक से वजन बढ़ना भी पीसीओडी का कारण बनता है।

इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या नजर आती है तो आपको तुरंत पीसीओडी का चेकअप करा लेना चाहिए।

चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि पीसीओडी होने पर कौन से लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं ताकि इसके बारे में तुरंत पता चल सके और समय पर इसका इलाज किया जा सके।

पीसीओडी के लक्षण?

पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण बहुत ही आम होते हैं अर्थात यह ऐसे लक्षण हैं जो सामान्य लगते हैं लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि इनके प्रमुख लक्षण कौन-कौन से हैं:-

  • पीरियड्स अनियमित या असन्तुलित होना।
  • शरीर पर बालो की ग्रोथ ज्यादा होना।
  • बालों का झड़ना।
  • श्रोणि में दर्द महसूस होना।
  • अचानक मोटापा आना। 
  • चेहरे पर मुहांसे आदि अधिक आना।
  • बांझपन की समस्या।
  • स्किन का तैलीय होना
  • अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ना।
  • नींद ना आने की समस्या होना।
  • थकान और तनाव होना। 
  • सिर में दर्द होना

अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। आपने यहाँ जाना कि कितने सारे लक्षण ऐसे हैं जो बहुत ही आम लगते हैं ऐसे में कई बार इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है लेकिन यदि आपको लंबे समय तक यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर लेना चाहिए।

आइए अब यह जानते हैं कि PCOD से बचाव कैसे किया जा सकता है।

पीसीओडी से बचाव?

इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए यहां हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आप पीसीओडी के रोकथाम के लिए सही कदम उठा सकते हैं।

पीसीओडी से बचाव के उपाय कुछ इस प्रकार है:-

  • अपने आहार को संतुलित रखने का प्रयास करें और भोजन में हाई कोलेस्टेरोल, हाई फैट और हाई कार्बोहाइड्रेट आदि को इग्नोर करें।
  • शारीरिक गतिविधि पर ध्यान दें और नियमित रूप से योगा और व्यायाम जरूर करें।
  • पीसीओडी से बचाव के लिए यह जरूरी है कि आप समय पर अपनी दवाओं का सेवन करें।
  • यदि आपको शराब और सिगरेट के सेवन की बुरी आदत है तो इसे छोड़ने का प्रयास करें।
  • अपने वजन का खास ख्याल रखें और योगा एवं व्यायाम से इसे मेंटेन करने का प्रयास करें।
  • बाजारों में मिलने वाले अधिक तैलीय और मसालेदार चीजों से दूर रहे तथा हरी सब्जियों और फलों का सेवन अधिक करें। 

इस तरह आप पीसीओडी से बच सकते हैं। तो आइए अब यह जानते हैं कि PCOD होने के बाद इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। 

पीसीओडी का इलाज?

यदि आपको पीसीओडी जैसी गंभीर बीमारी है तो आपको पहले यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि इस बीमारी से छुटकारा पाने में आपको काफी लंबा समय लगेगा क्योंकि इसका उपचार काफी लंबा होता है।

जब आप अपने चिकित्सक से संपर्क करते हैं तो आपको पता चलता है कि इससे छुटकारा पाने के लिए आपको कितनी सारी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। इसलिये बेहतर यही है कि आप अपने दिनचर्या का ख्याल रखते हुए कार्य करें और इससे पहले कि आपको यह बीमारी अपनी गिरफ्त मे ले ले, इससे बचने का प्रयास करें ।

पीसीओडी का इलाज कई तरह से किया जाता है अर्थात यह आपके पीसीओडी के कारकों पर निर्भर करता है।

आप देखेंगे कि चिकित्सक भी आपको यही सलाह देंगे कि आपको अपनी जीवनशैली को सुधारना है और अपने आहार पर ध्यान देना है। इस दौरान आपको कई सारी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है जो आपके पीरियड को संतुलित करने के लिए दी जाती हैं। इसके अलावा व्यायाम और योगासन से वजन को मेंटेन करके रखने की सलाह भी दी जाती है।

यहां आपको ध्यान रखना है कि चिकित्सक के द्वारा बताई गई सारी दवाइयों का सेवन आपको समय पर करना होगा तभी आप जल्दी इस समस्या से छुटकारा पा सकेंगे। आपको अच्छी नींद लेने का प्रयास करना होगा और शारीरिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान देना होगा। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आप तनाव से दूर रहें। इस तरह आप पीसीओडी से छुटकारा पा सकते हैं।

PCOD के अन्य फुल फॉर्म
PCOD full form in Construction/Civil EngineeringProvisional Commercial Operation Date
PCOD full form in MedicalPolycystic ovary disorder
अन्य भाषा में PCOD के फुल फॉर्म
PCOD full form in Tamilபாலிசிஸ்டிக் ஓவரி கோளாறு
PCOD full form in Marathiपॉलीसिस्टिक ओव्हरी डिसऑर्डर
PCOD full form in Teluguపాలిసిస్టిక్ ఓవరీ డిజార్డర్
PCOD full form in Urdu پولی سسٹک اووری ڈس آرڈر
PCOD full form in Punjabiਪੋਲੀਸਿਸਟਿਕ ਅੰਡਾਸ਼ਯ ਵਿਕਾਰ
PCOD full form in Bengaliপলিসিস্টিক ওভারি ডিসঅর্ডার
पीसीओडी से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
PCOD का पूरा नाम क्या है?

PCOD का पूरा नाम Polycystic ovary disorder है, हिंदी भाषा में पीसीओडी का फुल फॉर्म पॉलीसिस्टिक अंडाशय विकार होता है।

पीसीओडी से क्या प्रॉब्लम होती है?

पीसीओडी अर्थात पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज महिलाओं में हार्मोन में असंतुलन होने के कारण होने वाला एक विकार है। जिसके लक्षण नियमित रूप से पीरियड्स न आना, पीड़ायुक्त व लम्बे समय तक मासिक धर्म का होना, चेहरे पर मुंहासे व अनचाहे बाल का आना, संतान प्राप्त होने में कठिनाई होना इत्यादि हैं।

निष्कर्ष – PCOD Meaning in Hindi

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको PCOD क्या है, PCOD ka full form, PCOD full form in Hindi & English क्या होता है इस बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है, उम्मीद करते हैं यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी और पीसीओडी के बारे में काफी कुछ जानने के लिए मिला होगा।

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