दोस्तों, आज हम आपको बताने वाले हैं कि एमडीएम फुल फॉर्म इन हिंदी क्या है (MDM Full Form in Hindi), एमडीएम क्या होता है? इसके फायदे और नियम क्या है? इसके अलावा MDM से जुड़ी सारी जानकारी भी यहाँ आपको मिलेगी तो पोस्ट को अंत तक पूरा पढ़ें।
बच्चों की सही देख रेख और विकास के लिए सरकार अक्सर नए नियम लागू करती रहती है जिसमें से एक है MDM, क्या आपने कभी MDM के बारे में सुना है?
यदि नहीं तो हम आपको बता दें कि एमडीएम (MDM) एक ऐसी योजना है जिसके तहत सरकारी स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया है। क्या आप इसके बारे में जानना चाहते हैं?
अगर हां, तो आपको यह पोस्ट आखिर तक पढ़नी पड़ेगी। हमने अक्सर देखा है कि एमडीएम को लेकर लोगों के मन में बहुत सारे सवाल होते हैं जैसे कि एमडीएम का फुल फॉर्म क्या है या एमडीएम फुल फॉर्म इन हिंदी क्या है (MDM Full Form in Hindi)? एमडीएम क्या होता है? इसके फायदे और नियम क्या है? और इन सवालों को अक्सर सर्च किया जाता है जिसे देखते हुए हमने इस पोस्ट को तैयार किया है।
चलिए सबसे पहले जानते हैं कि MDM ka full form क्या है।
MDM Full Form in Hindi (MDM का फुल फॉर्म क्या है?)

एमडीएम सरकार द्वारा लागू किया गया ऐसा नियम है जिसमें सरकारी स्कूल के बच्चों को लाभ मिल रहा है और इसका फुल फॉर्म मिड डे मील (Mid Day Meal) है, जिसे हिंदी में मध्यान्ह भोजन भी कहा जाता है।
M: Mid ( मिड)
D: Day (डे)
M: Meal (मील)
अब इसका फुल फॉर्म तो आप जान गए लेकिन इसके फुल फॉर्म से सारी जानकारी क्लियर नहीं हो रही है इसलिए आइए सबसे पहले हम आपको यह बताते हैं कि एमडीएम क्या होता है।
MDM क्या होता है?
सरकार द्वारा सन्चालित MDM का पूरा नाम Mid Day Meal है, जिसे मध्यान्ह भोजन कहा जाता है। इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई थी जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 300 कैलोरी और 8 से 12 ग्राम प्रोटीन से युक्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत लोगों को इस बात के लिए भी प्रेरित किया जाता है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजे ताकि उन्हें बेहतर शिक्षा के साथ पोषण युक्त भोजन भी प्राप्त हो सके।
MDM अर्थात मध्यान्ह भोजन भारत सरकार (सेंट्रल गवर्नमेंट) द्वारा चलाई जा रही ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य स्कूल में पढ़ रहे सभी छोटी उम्र के बच्चों को मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को हर रोज पर्याप्त पोषण मिलता रहे और उनका विकास हो सके।
अच्छा भोजन मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिसे देखते हुए सरकार ने इस योजना को लागू किया है।
MDM के नियम?
एमडीएम सरकारी योजना के अंतर्गत कुछ नियम भी बनाए गए हैं। यदि इसकी जानकारी अगर आपको नहीं है तो आपको यह मालूम होनी चाहिए।
इसके अंतर्गत कुछ इस प्रकार के नियम बनाए गए हैं:-
- एमडीएम योजना के अंतर्गत यह निर्धारित है कि खाद्य पदार्थों के संग्रहण के लिए भंडारण गृह का होना अनिवार्य है।
- इसके लिए जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं उनके मुताबिक हर बच्चा जो प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता है उस पर हर दिन 3 पॉइंट 6 पैसे खर्च किए जाने हैं जिसके अंतर्गत दाल, चावल, फल, मिठाई और गैस आदि का खर्च जुड़ा होगा।
- सरकारी स्कूलों में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
- जो बच्चे उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं उन पर 5 पॉइंट 86 रुपए खर्च इस योजना के अंतर्गत किए जाने हैं।
- इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा यह निर्धारित किया गया है कि यदि मिड डे मील योजना के अंतर्गत भोजन करने से यदि किसी बच्चे की तबीयत बिगड़ती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक की होगी।
- प्रधानाध्यापक को जिला शिक्षा अधिकारी या जिला स्वास्थ्य अधिकारी या फिर जिला मजिस्ट्रेट को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी और आवश्यक कदम उठाने होंगे।
आइए अब हम आपको बताते हैं कि एमडीएम के अंतर्गत किस तरह के फायदे प्राप्त हो रहे हैं और यह किस तरह बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
MDM के फायदे?
मिड डे मील के अंतर्गत सबसे पहला फायदा आपको यह मिलता है कि बच्चों को प्राथमिक कक्षाओं में पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराया जाता है। ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को एक वक्त का खाना खिलाने में सक्षम नहीं होते इसलिए भोजन प्राप्त करने के बहाने ही यह गरीब परिवार अपने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए स्कूल भेज दिया करते हैं जिससे बच्चों को पोषण युक्त खाना भी उपलब्ध हो जाता है और शिक्षा भी प्राप्त होती है।
भोजन प्राप्त करने के लिए बच्चे रोज स्कूल भी जाने लगे हैं। इस योजना के अंतर्गत कुछ इस तरह का प्रावधान है कि जिस बच्चे की उपस्थिति स्कूल में 80% या उससे अधिक होगी वही बच्चा अगले वर्ष इस योजना के तहत शामिल होगा इसलिए इस फायदे को देखते हुए अब बच्चे नियमित रूप से स्कूल आने लगे हैं।
कई माता-पिता ऐसे हैं जो अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजते थे और लड़कियां निरक्षर रह जाती थी लेकिन इस योजना के लागू होने के पश्चात अब ग्रामीण और आदिवासी इलाकों की लड़कियों को भी स्कूल में खाने के बहाने भेजा जाने लगा है।
सिर्फ इतना ही नहीं इस योजना के अंतर्गत बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास करने में भी सहायता प्राप्त हुई है। भरपेट भोजन मिलने से शारीरिक और बौद्धिक विकास काफी बेहतर हो गया है।
Mid Day Meal का लक्ष्य क्या हैं?
मिड डे मील योजना का लक्ष्य क्या है? यह सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा तो हम आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत यह लक्ष्य रखा गया है कि बच्चों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराकर उनका शारीरिक और बौद्धिक विकास किया जा सके।
इससे ना केवल बच्चे सशक्त बनेंगे बल्कि शिक्षा ग्रहण करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इस योजना के लागू होने के पश्चात अब लड़कियों को भी स्कूल जाने की आज्ञा मिल चुकी है जिससे लिंग भेद कम हुआ है। इस योजना के अंतर्गत यह उद्देश्य भी रखा गया है कि विद्यालयों में लड़कियों की उपस्थिति और संख्या को बढ़ाया जाना है।
MDM से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
एमडीएम का मतलब क्या होता है?
एमडीएम का मतलब Mid Day Meal होता है, जिसे हिंदी भाषा में मध्यान्ह भोजन कहते हैं।
मिड डे मील का उद्देश्य क्या है?
मिड डे मील का उद्देश्य प्राथमिक कक्षाओं के बच्चो को पोषण से भरा खाना और स्कूलों में शिक्षा ग्रहण की भागीदारी को बढ़ाना है, जिससे बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास हो सके।
भारत में पहला मिड डे मील किसने शुरू किया था?
भारत में पहला मिड डे मील तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. कामराज ने चेन्नई में शुरू किया था।
भारत में मिड डे मील की शुरुआत कब हुई?
भारत में मिड डे मील की शुरुआत 15 अगस्त 1995 में हुई थी।
निष्कर्ष – MDM Ka Full Form
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको MDM ka full form, MDM full form in Hindi क्या है, What is MDM in Hindi क्या होता है, एमडीएम के नियम और फायदे क्या हैं इसकी सम्पूर्ण जानकारी दी हैं। उम्मीद करते हैं पोस्ट आपको पसंद आई होगी और इससे आपको मदद मिली होगी।
अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम जल्द से जल्द आपके कमेंट का जवाब देने को कोशिश करेंगे। बाकी आप इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर करके दुसरे लोगो को भी इसकी जानकारी जरुर दें।
अन्य पढ़ें