दोस्तों, आज की पोस्ट में हम आपको MC के बारे में जानकारी देने वाले हैं MC ka full form क्या है (MC full form in Hindi), MC क्या है, MC कितने चरणों में होती है, एमसी में बदलाव होने के कारण क्या हैं इत्यादि।

वैसो तो MC के कई फुल फॉर्म होते हैं लेकिन आज हम जिस MC की बात कर रहे हैं वह महिलायों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण चीज़ है जिसके बारे में महिलाओं के अलावा पुरुषों को भी पता होना बेहद जरुरी है, जिससे वह भी महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों को समझ सकें और अपने घर में मौजूद महिलाओं के साथ MC के दौरान बेहतर व्यवहार कर सकें।

महिलाओं के शरीर में अक्सर कोई ना कोई बदलाव होते रहते हैं जिनमें से एमसी (MC) एक महत्वपूर्ण बदलाव होता है जिसके बारे में हर एक महिला को पता होना चाहिए।क्या आप जानते हैं एमसी (MC) क्या है? यदि नहीं तो आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एमसी का फुल फॉर्म (MC Ka Full Form) बताने वाले हैं।

इस विषय की जानकारी लड़कियों और महिलाओं को शुरुआत से ही देनी चाहिए क्योंकि यदि इस विषय की जानकारी उन्हें नहीं होगी तो वे अपने शरीर में होने वाले बदलावों को सही प्रकार से समझने में सक्षम नहीं होंगी, इसके अलावा भी कई परेशानियां उन्हें आ सकती है। 

हम आपको एमसी का फुल फॉर्म तो बताने ही वाले हैं, इसके अलावा एमसी क्या है? एमसी कितने चरणों में होता है? और इन बदलाव के कारण क्या है? इन सब की जानकारी हम आपको प्रदान करने वाले हैं।

तो चलिए बिना देरी किये हुए हम सबसे पहले आपको MC Ka Full Form बताते है जिसके बाद आप इस विषय को अच्छे से समझ पाएंगे।

MC Ka Full Form क्या है? (MC Full Form in Hindi)

MC ka full form

MC का इंग्लिश फुल फॉर्म Menstrual Cycle होता है, जिसका हिंदी उच्चारण मेंस्ट्रुअल सायकल होता है।

M: Menstrual

C: Cycle

अगर आप महिला है तो आप समझ जाएँगे कि हम किसकी बात कर रहे है। बहुत लोग ऐसे है जो ये नहीं जानते कि इसका हिंदी फुल फॉर्म क्या होता है इसलिए इस पोस्ट में इसका जवाब भी हम आपके लिए लेकर आए हैं।

MC का हिंदी फुल फॉर्म मासिक धर्म चक्र होता है। जिन महिलाओंं का मासिक चक्र शुरू हो चुका है वे ये जानती है कि यह क्या होता है लेकिन जिनका मासिक चक्र शुरू नहीं हुआ है उन्हें इसकी जानकारी देना आवश्यक है ताकि वे इस बदलाव के लिए पहले से तैयार रहें।

तो आइये पहले आपको MC के बारे में ही बताते हैं।

MC क्या है?

MC का पूरा नाम MENSTRUAL CYCLE है, जिसे हिंदी में मासिक धर्म चक्र कहा जाता है। यह चक्र महिलाओंं के शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसके कारण ही महिलाये शिशु को जन्म देने में सक्षम होती है। यह शरीर में होने वाला ऐसा प्राकृतिक परिवर्तन है जिससे हर महिला या लड़की को गुजरना पड़ता है। यह महिलाओं के गर्भाशय और अंडाशय में होता है जिससे महिला की गर्भावस्था सम्भव हो पाती है।

आमतौर पर इसे पीरियड और मेन्सेस भी कहा जाता है। जब यह बदलाव महिलाओंं के शरीर मे होना शुरू होता है तो उस समय महिलाओंं को काफी तकलीफों से गुजरना पड़ता है क्योंकि इस दौरान शरीर के कई हिस्सों मे दर्द होना जैसी समस्या होती है जो आमतौर पर कमजोरी के कारण होता है। यह प्रक्रिया लड़कियों में 12 से 15 वर्ष के बीच शुरू हो जाती है हालांकि हार्मोन्स की वजह से कम से कम उम्र में भी मासिक धर्म शुरू हो जाता है।

यह प्रक्रिया हर महीने महिलाओंं के शरीर में चलती है जो निश्चित समय में होते है। यह जरुरी नहीं है कि हर युवती मे यह प्रक्रिया सामान उम्र मे शुरू हो, क्योंकि सबके बॉडी हार्मोन्स अलग- अलग होते हैं इसलिए कई बार मासिक धर्म 8 वर्ष से 17 वर्ष की उम्र में किसी भी समय शुरु हो सकता है।

मासिक धर्म कई बातों पर निर्भर करता है जैसे कि बॉडी हार्मोन्स, महिलाओंं के खान-पान और रहन- सहन आदि।

कई बार ऐसा भी होता है कि कई महिलाये अनियमित मासिक धर्म से जूझती है जो स्वास्थ के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता इसलिए यदि आपको भी यह समस्या होती है तो आपको तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

हर महिने होने वाली ये प्रक्रिया महीने में एक बार नियमित रूप से होनी चाहिए। मासिक धर्म 28 दिन से लेकर 35 दिनों का एक चक्र होता है हालांकि सभी महिलाओंं में यह चक्र अलग-अलग समय में होता है।

किसी महिला का मासिक धर्म समय से पहले तो किसी का समय के बाद भी होता है और इसकी सीमा भी सभी महिलाओंं में अलग होती है। सामान्यतः कुछ लोगों में यह प्रक्रिया 3 से 5 दिनों में पूरी होती है और कुछ लोगों में यह प्रक्रिया 2 से 7 दिनों में पूरी होती है।

यह प्रक्रिया गर्भ धारण करने के लिये आवश्यक होती है जो अलग- अलग चरणों मे पूरी होती है जिसकी जानकारी आगे आपको मिलने वाली है।

जब कोई लड़की गर्भ धारण करती है तो यह क्रम गर्भावस्था तक रुक जाती है और जब तक महिला गर्भ धारण नहीं करती तब तक चलती है और बच्चे को जन्म देने के बाद फिर से शुरू हो जाती है।

मासिक धर्म महिला के 45 से 50 वर्ष की उम्र तक हर महीने चलती रहती है। आइये अब जानते है कि यह प्रक्रिया कितने चरण में पूरी होती है।

MC कितने चरणो‌ में होती है?

मासिक धर्म चक्र: यह मासिक धर्म का पहला चक्र होता है जो महिला के योनि से गर्भाशय में मौजूद बेकार परत को खून के रूप में बाहर निकाल देता है और यह प्रक्रिया लगभग 3 से 5 दिनों तक चलती है।

फॉलिक्युलर चरण: यह मासिक धर्म का दूसरा चरण है जो महिलाओंं में पहले चरण के समाप्त होने पर शुरू होती है। इस चरण मे महिलाओं के गर्भाशय में कूप के अंडे विकसित होते है और कूप इन अंडों को छोड़ने की तैयारी करता है जिसके बाद मासिक धर्म का तीसरा चरण शुरू होता है।

ओवुलेट्री चरण: यह चरण मासिक धर्म का तीसरा चक्र है जो मासिक धर्म चक्र से 14th दिन से शुरू होता है और इसी में बने हुए अंडे अंडाशय से निकल कर फैलोपियन ट्यूब में जाते है और यदि किसी महिला के फैलोपियन ट्यूब में शुक्राणु नही है तो अंडों का निषेचन नहीं हो पता और अंडे 24 घण्टे में विघटित हो जाते है जिसके पश्चात मासिक धर्म का आखरी चरण शुरू होता है।

ल्यूटियम चरण: यह मासिक धर्म का आखरी चरण है जो तब शुरू होता है जब निषेचन की प्रक्रिया नहीं होती। जब ऐसी स्थिति आती है तो कूप के जो अवशेष होते है वो कई हिस्सों में टूट जाते है और गर्भाशय के अंदरूनी विघटन की ओर जाता है। इस क्रिया के बाद महिला के शरीर में फिर से मासिक धर्म या रक्तस्राव की शुरुआत होती है जो मासिक धर्म का पहला चरण होता है।

इस तरह इसका चक्र काम करता है। आइये अब इस प्रक्रिया के शुरूआती लक्षण के बारे मे आपको बताते है।

MC के पहले होने वाले लक्षण?

जब महिलाओंं में मासिक धर्म की शुरुआत होने वाली होती है तो शरीर में कई बदलाव दिखाई देते है जिन्हें लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।

ये लक्षण मासिक चक्र शुरू होने के 5 से 11 दिन पहले शुरू होते है जिनमे सिर दर्द, पैरों में सूजन, पेट में दर्द और पीठ दर्द जैसी समस्या मुख्य है हालांकि ये लक्षण हर महिला मे समय के साथ अलग-अलग दिखाई देते है।  

इसके अलावा मासिक धर्म के शुरू होने के बाद सिरदर्द, मुँहासे, पेट फूलना, पेट में दर्द, थकान, मनोदशा में बदलाव और दस्त जैसी समस्या भी होती हैं। 

Menstrual Cycle में बदलाव आने के कारण

Menstrual Cycle में बदलाव के कई कारण हो सकते है। किसी महिला में यदि नियमित रूप से मासिक धर्म की प्रक्रिया नहीं हो रही है तो इसके कई कारण हो सकते है जैसे कि- हार्मोनल असंतुलन, खानपान में ध्यान ना देना, रहन- सहन में परिवर्तन या फिर दवाइयों का प्रभाव।

ये सभी मासिक धर्म में बदलाव के मुख्य कारण हैं। 

MC के अन्य फुल फॉर्म

MC full form in RAP/Hip HopMaster of Ceremonies
MC full form in ElectronicsMulti-Contact
MC full form in MedicalMenstrual Cycle
MC full form in ComputerMachine code

MC से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)

एमसी पीरियड का फुल फॉर्म क्या है?

एमसी पीरियड का फुल फॉर्म मेंस्ट्रुअल साइकिल होता है, जिसे हिंदी भाषा में मासिक धर्म कहते हैं।

पीरियड कितने दिन तक रहता है?

किसी महिला को पीरियड समय से पहले तो किसी को समय के बाद भी होता है पीरियड की सीमा सभी महिलाओंं में अलग होती है। सामान्यतः कुछ लोगों में यह प्रक्रिया 3 से 5 दिनों में पूरी होती है और कुछ लोगों में यह प्रक्रिया 2 से 7 दिनों में पूरी हो जाती है।

निष्कर्ष – MC Meaning in Hindi

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको एमसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी साझा की है एमसी क्या है, MC ka full form क्या होता है (MC full form in Hindi), एमसी के लक्षण क्या हैं, एमसी कितने चरणों में होती हैं इत्यादि। अगर पोस्ट से आपको कुछ भी हेल्प मिली तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करके दूसरी महिलाओं को भी इसकी जानकारी जरुर दें।

अगर आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हम जल्द ही आपके कमेंट का रिप्लाई करेंगे।

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