यहाँ आप जानेंगे कि GDS Ka Full Form (GDS Full Form in Hindi) क्या है? GDS कैसे बनते है? GDS के कार्य क्या होते है? और भी बहुत कुछ।
अगर आप GDS का फुल फॉर्म नहीं जानते और जानना चाहते है तो आप बिल्कुल सही जगह पहुँच चुके हैं, क्योंकि आज हम इस पोस्ट के जरिये आपको GDS की जानकारी देने वाले है।
तो चलिए सबसे पहले जानते है कि GDS का फुल फॉर्म क्या होता है।
GDS Ka Full Form क्या है?

जीडीएस (GDS) की सारी जानकारी आपको आगे मिलेगी लेकिन उससे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि जीडीएस क्या होता है? क्योंकि इसका फुल फॉर्म जानने के बाद ही आपको इससे संबंधित कुछ जानकारियां खुद ही मिल जाएगी।
तो हम आपको बता दें कि जीडीएस का फुल फॉर्म ग्रामीण डाक सेवक होता है आइए थोड़ा डिटेल में जानते हैं
G: Gramin (ग्रामीण)
D: Dak (डाक)
S: Sevak (सेवक)
अब आप थोड़ा बहुत समझ गए होंगे कि यह क्या होता है इसकी संपूर्ण जानकारी आपको आगे प्रदान की जाएगी इसलिए इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ें, आइए अब हम आपको बताते हैं कि जीडीएस होता क्या है।
GDS क्या है?
जीडीएस डाक डिपार्टमेंट के अंतर्गत आने वाला एक महत्वपूर्ण सरकारी पद है जिसका संचालन केंद्र सरकार के अंतर्गत किया जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि यह एक डाकिया का कार्य है जो ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है। डाक विभाग के अंतर्गत हर साल इस तरह के बहुत सारी वैकेंसी निकाली जाती है और इसके लिए बहुत सारे लोग आवेदन करते हैं।
इसके अंतर्गत नौकरी पाना मुश्किल होता है इसलिए कुछ लोगों को ही यहां जॉब मिल पाती है। आज के समय में इस पद के लिए कंपटीशन भी काफी बढ़ गया है इसलिए यहां जॉब पाना और भी मुश्किल हो गया है।
जीडीएस – ग्रामीण डाक सेवक ग्रामीण क्षेत्रों में डाकिया का कार्य करने के लिए चुने जाते हैं जो एक सरकारी पद है जिसमें ग्रामीण इलाकों में लोगों के दस्तावेज और पत्रों को उन तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है।
ग्रामीण डाक सेवक पैन कार्ड, आधार कार्ड, आरसी बुक जैसे आवश्यक दस्तावेज भी लोगों तक पहुंचाने का कार्य करता है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में ग्रामीण डाक सेवक की सेवाएं प्राप्त की जाती है इसलिए यह काफी फायदेमंद पोस्ट है।
GDS (Gramin Dak Sevak) कैसे बनें?
ग्रामीण डाक सेवक के बारे में जानते समय अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि जीडीएस बनने के लिए क्या करना पड़ता है या इसके लिए किन चीजों की जरूरत पड़ती है तो चलिए जानते हैं कि जीडीएस कैसे बने।
अगर आप चाहते हैं कि आप ग्रामीण डाक सेवक के रूप में कार्य करें तो इसके लिए आपको कुछ आवश्यक शर्तों का पालन करना होगा जैसे कि:-
- आपको किसी मान्यता प्राप्त हाई स्कूल से अच्छे अंकों के साथ दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण होना जरूरी है, क्योंकि जीडीएस में भर्ती के लिए दसवीं की मेरिट लिस्ट के आधार पर ही नौकरी प्रदान की जाती है। इसलिए अगर दसवीं कक्षा में आपने अच्छे अंक प्राप्त किए हैं तो यहां नौकरी पाने के चांस आपके बढ़ जाते हैं।
- यहां आप लगातार डाक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं क्योंकि हर साल समय-समय पर डाक विभाग द्वारा ग्रामीण डाक सेवक भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी की जाती है। इसकी जानकारी इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर ही दी जाती है, इसलिए आप ऑनलाइन माध्यम से डाक विभाग भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए हो सकता है कि आपको कोई लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी हो लेकिन ज्यादातर मार्किंग के हिसाब से ही लिस्ट तैयार की जाती है, इसलिए हो सकता है कि बिना परीक्षा दिलाये ही केवल अंकों के आधार पर आपका चयन हो जाए।
- मेरिट सूची जारी होने के बाद जिन आवेदकों का नाम लिस्ट में आता है उन्हें आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। अगर आपके सारे दस्तावेज बिल्कुल सही है तो मेरिट सूची के आधार पर आपका चयन ग्रामीण डाक सेवक के लिए कर लिया जाता है।
GDS बनने के लिए योग्यता?
ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए आप के अंतर्गत कुछ आवश्यक योग्यताएं होनी चाहिए जिनके आधार पर डाक विभाग आपका चयन करता है जो कुछ इस प्रकार है:-
- ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त हाई स्कूल से अच्छे अंकों के साथ 10 वीं कक्षा पास करनी होती है।
- जीडीएस में भर्ती के लिए मेरिट लिस्ट के आधार पर आवेदकों का चयन किया जाता है इसलिए आपके सर्वोच्च अंक मायने रखते हैं।
- ग्रामीण डाक सेवक के लिए आवेदन करने वाले आवेदक की आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- यहां ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के आवेदकों के लिए कुछ छूट दी गई है जिसकी जानकारी ऑफिशियल वेबसाइट पर आपको आसानी से मिल जाएगी।
- यह भी निर्धारित किया गया है कि आपको क्षेत्रीय भाषा की अच्छी समझ होनी चाहिए साथ ही 60 दिनों का कंप्यूटर सर्टिफिकेट भी आवेदक के पास होना चाहिए।
- ग्रामीण डाक सेवक के पद को प्राप्त करने के लिए आवेदक को साइकिल या मोटरसाइकिल चलाने में सक्षम होना चाहिए।
अगर आपके अंदर यह सारी योग्यताएं हैं तो आप ग्रामीण डाक सेवक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
GDS (Gramin Dak Sevak) की सैलरी?
GDS (ग्रामीण डाक सेवक) की सैलेरी की बात यदि की जाए ग्रामीण डाक सेवक का वार्षिक वेतन 1 लाख से 1 लाख 20 हज़ार के बीच होता है। इस तरह ग्रामीण डाक सेवक के पद पर कार्य करके आप ठीक-ठाक सैलरी प्राप्त कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कि ग्रामीण डाक सेवा के अंतर्गत आपको कौन-कौन से कार्य करने होंगे।
GDS के कार्य क्या हैं?
अगर आप ग्रामीण डाक सेवक बनकर कार्य करना चाहते हैं तो आपको इससे जुड़े सारे कार्य पता होने चाहिए।
- यहां आपको विभिन्न सरकारी दस्तावेज और पत्र आदि को सही पते पर पहुंचाने का कार्य करना होगा।
- ग्रामीण डाक सेवक के अंतर्गत बैंकिंग सुविधाएं भी दी जाती है इसलिए आपको यह कार्य भी दिया जा सकता है कि आप बैंक से जुड़े आवश्यक दस्तावेज लोगों तक पहुंचाएं, हालांकि इसमें एटीएम को शामिल नहीं किया गया है।
- इसके अलावा पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट बनाने का कार्य भी किया जाता है तो आपको पासपोर्ट की डिलीवरी भी करनी पड़ सकती है इसलिए आपको साइकल या मोटरसाइकिल का ज्ञान होना चाहिए।
ग्रामीण डाक सेवक (GDS) से जुड़े सवाल जवाब (FAQS)
ग्रामीण डाक सेवक का वेतन कितना होता है?
ग्रामीण डाक सेवक का वार्षिक वेतन 1 लाख से 1 लाख 20 हज़ार रूपए तक होता है।
जीडीएस की योग्यता क्या है?
जीडीएस (GDS) की नौकरी प्राप्त करने के लिए आपको दसवी कक्षा में पास होना जरुरी है, क्योंकि दसवी के अंकों के आधार पर ही ग्रामीण डाक सेवक की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।
पोस्ट ऑफिस में जीडीएस का क्या काम है?
पोस्ट ऑफिस में जीडीएस का काम डाक से जुड़ी हर तरह की सेवायें लोगो तक पहुँचाना होता है, जैसी की पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड या फिर किसी भी तरह का दस्तावेज लोगो के सही पते तक पहुँचाना।
निष्कर्ष – GDS Meaning in Hindi
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपको GDS ka full form क्या है, GDS full form in Hindi क्या होता है, जीडीएस के लिए योग्यता, GDS की सैलरी, GDS के कार्य इन सभी सवालो की जानकारी दी है। फिर भी आपका कोई सवाल है या फिर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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